Foreign Reserves of India में फिर आई गिरावट, जानिए RBI का खजाना कितना खाली हुआ
Foreign Reserves of India यानी विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से गिरावट आई है. बीते हफ्ते जारी आंकड़ों में करीब 7 अरब डॉलर की गिरावट रिपोर्ट की गई थी. जानिए रिजर्व बैंक का खजाना कितना खाली हुआ है.
Foreign Reserves of India: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 अगस्त को समाप्त सप्ताह में तीन करोड़ डॉलर घटकर 594.86 अरब डॉलर रहा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह जानकारी दी. पिछले सप्ताह, कुल भंडार 7.27 अरब डॉलर घटकर 594.89 अरब डॉलर रह गया था. अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम के कारण उत्पन्न दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपए की विनिमय दर में गिरावट को रोकने के लिए पूंजी भंडार का उपयोग किया, जिससे विदेशी मुद्राभंडार प्रभावित हुआ.
गोल्ड रिजर्व 53 करोड़ डॉलर घटा
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 25 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 53.8 करोड़ डॉलर घटकर 527.25 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है. स्वर्ण भंडार का मूल्य 53 करोड़ डॉलर बढ़कर 44.35 अरब डॉलर हो गया.
SDR में 1.1 करोड़ डॉलर की गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.1 करोड़ डॉलर घटकर 18.194 अरब डॉलर रहा. समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 1.2 करोड़ डॉलर घटकर 5.06 अरब डॉलर रह गया.
8 पैसे मजबूत होकर बंद हुआ रुपया
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया आठ पैसे सुधरकर 82.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. मुख्य रूप से विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ने और जून तिमाही का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़ा बेहतर रहने से रुपए को समर्थन मिला. रुपए को शेयर बाजारों में सकारात्मक कारोबारी धारणा से भी समर्थन मिला. लेकिन डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल के दाम बढ़ने से तेजी पर अंकुश लगा. शुक्रवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में विनिर्माण गतिविधियों में अगस्त में तेजी आई क्योंकि नए ऑर्डर और उत्पादन लगभग तीन साल में सबसे तेज दर से बढ़े. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई के 57.7 से बढ़कर अगस्त में 58.6 हो गया.
GDP ग्रोथ हेल्दी रहा
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही. यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे अधिक है. इसके साथ भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखा है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
09:08 AM IST